'सन्तमत दर्शन' सद्गुरु सद्ग्रंथ में गुरु गीता से सम्मानित पुस्तक 'महर्षि मेंहीं पदावली' शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित पुस्तक की प्रथम पद्य की व्याख्या की पुस्तक है। इस भजन की ऐसी महिमा है कि अगर कोई व्यक्ति इसके प्रत्येक शब्द को अच्छी तरह समझ जाए, तो उसे मनुष्य का ही शरीर मिलेगा, जब तक कि उसे मुक्ति प्राप्त नहीं हो जाती है। यह Pustak सत्संग साहित्य का सिरमौर और संत छोटेलाल (
पूज्यपाद लालदास जी महाराज ) दास जी महाराज द्वारा विरचित पुस्तकों में ईश्वर-स्वरूप का बोध कराने में सर्वश्रेष्ठ है।
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