LS47, Anokhi suktiyan,  sangrah in hindi for students, vichar, pushpanjali, shlok, ratnavali, sanskrit.

LS47, Anokhi suktiyan, sangrah in hindi for students, vichar, pushpanjali, shlok, ratnavali, sanskrit.

Size
Price:

Product Description








सत्य पर किसी एक व्यक्ति का अधिकार नहीं होता , जो सत्य एक व्यक्ति को अनुभूत हो सकता है , वह दूसरे को भी अनुभूत हो सकता है । पुस्तक में जो व्यवहार्य बातें आयी हैं , मेरा दावा नहीं है कि मैं उन्हें तत्परता के साथ अपने जीवन में उतार लिया करता हूँ । हाँ , मैं उन्हें उतारने का यथासंभव प्रयास अवश्य कर रहा हूँ ।

पूज्यपाद लालदास जी महाराज की पुस्तकों के बारे में विशेष जानकारी के लिए     यहां दबाएं।

 पस्तक की वाणियाँ विषयबद्ध करके संकलित नहीं की गयी हैं । प्रत्येक दो पृष्ठों के ऊपर जो शीर्षक दिया गया है , वह यों ही - केवल पुस्तक की सुन्दरता बढ़ाने के लिए दे दिया गया है । मैंने यह पुस्तक इसलिए छपवायी कि यह भविष्य में मेरा और इसे पढ़नेवाले अन्य ममक्ष जनों का भी मार्ग - प्रदर्शन कर सके ।
price/Rs 60.00
off/-20%
size/8.0"/5.4"/0.3"


0 Reviews

Contact form

नाम

ईमेल *

संदेश *