Product Description
MS18 महर्षि मेँहीँ सत्संग-सुधा-सागर
प्रभु प्रेमियों ! महर्षि मेँहीँ साहित्य सीरीज की अठारहवीं पुस्तक "महर्षि मेँहीँ सत्संग-सुधा-सागर" है । इस पुस्तक में 323 प्रवचनों में संतमत सत्संग की समस्त गूढ़ बातों की चर्चा सहित विश्लेषण किया गया है। ये प्रवचन Santamat-satsang ke prachaaraarth bhaarat aur nepaal ke shaharon, sthanon etc. mein deeye gaye pravachanon ka sankalan है। आइए गुरु महाराज के इस पुस्तक का सिंहावलोकन करें।
महर्षि मेँहीँ साहित्य सीरीज की सतरहवीं पुस्तक "महर्षि मेँहीँ-वचनामृत, प्रथम खंड" के बारे में जानने के लिए 👉 यहां दवाएँ।
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323 प्रवचनों में संतमत सत्संग की गूढ़ रहस्योद्घाटन
प्रभु प्रेमियों ! महर्षि मेँहीँ सत्संग-सुधा-सागर 323 प्रवचनों में संतमत सत्संग उपयोगी सभी बिषयों की चर्चा बढ़ें ही मनोवैज्ञानिक, वैचारिक तथा तार्किक दृष्टि से किया गया है। इन प्रवचनों में आध्यात्मिक, धर्म, साहित्य, जीवन, शिक्षा, मनुष्य-जन्म की सफलता, सिद्धि, सिद्धि का सदुपयोग, मनोकामना पूर्ति, चमत्कार इत्यादि बिषयों पर विस्तृत चर्चा की गई है।
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गुरु महाराज के इन प्रवचनों का पाठ करके या श्रवण करके मन ईश्वर-भक्ति करने के लिए उत्साहित हो जाता है और मन के समस्त कलुषित विकारों से दूर हो जाता है। बुद्धि आध्यात्मिक ज्ञान से ओतप्रोत हो जाता है । हृदय भक्ति भाव में विभोर हो जाता है । अंतरात्मा ईश्वर-भजन करने के लिए, जप-ध्यान करने के लिए तत्पर हो जाता है। गुरु महाराज के प्रवचनों का इन विशेषताओं सहित और कितनी विशेषताएं हैं, उसके बारे में हम बतला भी नहीं सकते । लेकिन हाँ एक बात अवश्य कहेंगे कि जो कोई भी इन प्रवचनों को शुरू से अंत तक जीवन में एक बार भी पढ़-सुन लेगा, उसको मनुष्य शरीर बार-बार अवश्य होता रहेगा। क्योंकि इन प्रवचन में ब्रह्म ज्ञान की जो बातें हैं वह अन्यत्र ढूंढने पर भी नहीं मिलता है। इन ब्रह्म संबंधित बातों को सुनकर विश्वस्वरूप परमात्मा का ज्ञान अच्छी तरह हो जाता है उसे मनुष्य शरीर मिलना अनिवार्य है। शास्त्रों में बताया गया है-
मेडिटेशन ईमेज |
इह चेदशकद्बोद्धं प्राक्शरीरस्य विस्रसः ।
ततः सर्गेषु लोकेषु शरीरत्वाय कल्पते ॥४ ॥
केनोपनिषद, अध्याय २ , वल्ली ३
स्वामी परमानन्द जी महाराज से सुने ईश्वरीय ज्ञान की महिमा निम्न विडियो से-
गी ० प्रे ० गो ० , भा ० अ ० - यदि इस देह में इसके पतन से पूर्व ही ( ब्रह्म को ) जान सका तो बन्धन से मुक्त होता है , यदि नहीं जान पाया तो इन जन्म मरणशील लोकों में वह शरीर - भाव को प्राप्त होने में समर्थ होता है ।४ ॥
MS18 आंतरिक पेज |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज जिस समय प्रवचन करते थे, उस समय वीडियोग्राफी टेप रिकॉर्डर आदि की सुविधा ज्यादा नहीं थी । गिने-चुने लोगों के पास ये सब समान होते थे। जिसके कारण से गुरु महाराज की आवाज में और वीडियो रूप में बहुत कम प्रवचन उपलब्ध है । लेकिन पूज्यपाद महर्षि संतसेवी परमहंस जी महाराज को गुरु कृपा से आंतरिक प्रेरणा हुई और वे जब गुरु महाराज प्रवचन करते थे, तब वे उनके प्रवचनों को लिख लिया करते थे। इन्हीं प्रवचनों को समय-समय पर शांति संदेश, सत्संग सुधा भाग- 1, 2, 3, 4 आदि पुस्तकों में प्रकाशित किया गया है। "महर्षि मेँहीँ सत्संग-सुधा-सागर" नामक इस बृहद ग्रंथ में गुरुदेव के सभी प्रवचनों को प्रकाशित किया गया है । यह पुस्तक सबसे बड़ी है और इसमें सबसे ज्यादा प्रवचन हैं और इसके दूसरे भाग में बाकी बचे प्रवचनों को प्रकाशित किया गया है। ऐसा जानकारी है । इस प्रकार इस पुस्तक में सभी प्रवचन जो अब तक उपलब्ध हैं, आपको मिल जाएंगे । जय गुरु महाराज !!!
MS18 लास्ट कवर |
महर्षि संतसेवी परमहंस जी महाराज के वचन
Vidvaan satsangee sajjanon se main aagrah karata hun ki param poojy gurudev ka pravachan jahaan - jahaan hota hai , vahaan - vahaan ke log to laabhaanvit hote hain , kintu any log isase vanchit rah jaate hain . any logon ko bhee isaka laabh mile , aisee koee vyavastha ho paatee to uttam hota . un sajjanon ne mere vichaar ka svaagat kiya aur prastut pustak aapake haath mein hai.
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प्रभु प्रेमियों ! महर्षि साहित्य सीरीज के इस पोस्ट का पाठ करके आप लोगों ने जाना कि 👉 "महर्षि मेँहीँ सत्संग-सुधा-सागर" ब्रह्म ज्ञान कराने वाली पुस्तक है । इस पुस्तक का पाठ करके मनुष्य का जीवन सफल होता है । मनुष्य शरीर क्यों मिला है ? इसकी सही उपयोगिता क्या है ? ईश्वर भजन कैसे करें ? ईश्वर का स्वरूप कैसा है ? ईश्वर को प्राप्त करने के रास्ते में किन किन बाधाओं का सामना करना पड़ता है और किन-किन बातों से परहेज करना पड़ता है ? इत्यादि संपूर्ण बातों की जानकारी इसमें है ।इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का कोई संका या प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बताएं, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग के सदस्य बने। इससे आप आने वाले हर पोस्ट की सूचना आपके ईमेल पर नि:शुल्क भेजा जायेगा। ऐसा विश्वास है । .जय गुरु महाराज !!!
महर्षि साहित्य सीरीज की अगली पुस्तक है- MS19
प्रभु प्रेमियों ! महर्षि मेँहीँ साहित्य सीरीज की अगली पुस्तक 'महर्षि मेँहीँ सत्संग-सुधा-सागर, भाग 2" है । इस पुस्तक के बारे में विशेष जानकारी के लिए 👉 यहां दवाएँ।
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2 Reviews
Jay guru
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