जड़ी-बूटी घरेलू नुस्खे
प्रभु प्रेमियों ! स्वामी सुरेशानंदजी साहित्य सीरीज के 8 वीं पुस्तक "जड़ी-बूटी घरेलू नुस्खे" है। इस पुस्तक में सत्संगी दीक्षित साधकों को स्वस्थ रहने के लिए जो समयानुसार भोजन-विधि, योगासन एवं घरेलु नुस्खों की सभी बातों की जानकारी होनी चाहिए वे सभी बातें बड़ी उक्ति-युक्त ढंग से संकलन है। स्वामी सुरेशानंद जी महाराज अपने जीवन भर के अध्ययन को इस पुस्तक में संकलित किए हैं, जो संत-महापुरुषों के नुक्से अनुसार ही है। ये नुस्खे प्रामाणिकता और प्रसिद्धि की दृष्टि से सबसे अच्छे हैं। आइए इस ग्रंथ के बारे में जानकारी प्राप्त करें--
| जड़ी-बूटी घरेलू नुस्खे |
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आयुर्वेदिक जड़ी-बूटीयों द्वारा साध्य-असाध्य रोगों के घरेलु नुस्खे
प्रभु प्रेमियों ! शरीर स्वस्थ रह सके इसके लिए संत-महापुरुष की वाणियों तथा धर्मग्रंथों के उपदेशों के साथ-साथ स्वस्थ रहने के घरेलू नुस्खे की जानकारी प्रत्येक व्यक्ति को होना चाहिए। कहा गया है- 'स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का वास होता है।' स्वस्थ शरीर रहने पर ही धर्म-साधना एवं ईश्वर की भक्ति कर सकते हैं। संतों के उपदेश से कर्तव्य-कर्म की जानकारी होती है। परमात्मा की भक्ति तथा सदाचार पालन करने की शिक्षा मिलती है। पाप-पुण्य तथा धर्म-अधर्म का ज्ञान होता है। संसार में जीने की कला लोग सिख पाते हैं, फलस्वरूप लोगों का लोक-परलोक दोनों सुखमय बन जाता है। पर साधना करने के लिए स्वस्थ शरीर रहना भी जरूरी है।
स्वामी सुरेशानन्दजी एक अच्छे साधक एवं प्नचारक हैं। ये विभिन्न आयुर्वेदिक एवं जड़ी-बूटी के किताबों का अध्ययन किया, तत्पश्चात् विभिन्न रोगों के लक्षण एवं उसके निदान हेतु दिये गये औषधियों का संकलन कर पुस्तक के रूप में प्रकाशित करने का बड़ा ही उत्तम काम किया है। इससे पुराने जमाने के इलाज और सिद्ध घरेलू उपचार, हर्बल दवा, घर पर उगाने के लिए हर्बल पौधे, घरेलू उपचार ए टू जेड, किसी भी चीज़ के लिए घरेलू उपचार, प्राकृतिक उपचार उपाय, सरल घरेलू उपचार, मेरे घरेलू नुस्खे, की जानकारी होती है।
स्वास्थ्य दो प्रकार के होते हैं- शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने पर जीने का आनंद नहीं मिलता। अस्वस्थ व्यक्ति का मनोबल गिरा हुआ रहता है। वह हमेशा चिंतित और उदास रहा करता है। अस्वस्थ व्यक्ति न तो इहलौकिक और न पारलौकिक उन्नति कर पाता है। जड़ी-बूटी घरेलू नुस्खे स्वामी सुरेशानन्द की आठवीं पुस्तक है। इस पुस्तक में शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के नियम-संयम बताये गये हैं और शरीर में उत्पन्न रोगों को दूर करने की आयुर्वेदिक दवाएँ बतायी गयी हैं। संसार में हर व्यक्ति किसी-न-किसी रोग से ग्रस्त पाया जाता है। यह पुस्तक बहुत महत्त्वपूर्ण है और घर-घर में रखनेयोग्य है।
मुझे विश्वास है कि इस पुस्तक के घरेलु नुस्खे से भक्तजन लाभान्वित होंगे।
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प्रभु प्रेमियों ! अन्य साहित्य सीरीज के इस पोस्ट का पाठ करके आप लोगों ने जाना कि 👉
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